भारतीय संविधान के स्रोत कहाँ से क्या लिया गया?
तथ्यों को समूह में बाँटकर याद करने की अनोखी विधि
भारत का संविधान दुनिया के बेहतरीन संविधानों की विशेषताओं को समाहित करता है। आइए, इन स्रोतों को उनके मुख्य विषय के आधार पर तीन समूहों में बाँटकर याद करते हैं:
1. संरचनात्मक और राजनीतिक आधार (Structural & Political Base)
ये स्रोत संविधान के सबसे बड़े हिस्से और कार्यपालिका के ढांचे को निर्धारित करते हैं:
- भारत सरकार अधिनियम, 1935: संघीय योजना, राज्यपाल का कार्यालय, न्यायपालिका, सार्वजनिक सेवा आयोग, आपातकालीन प्रावधान और प्रशासनिक विवरण।
- ब्रिटेन: संसदीय सरकार/प्रणाली, कानून का शासन, एकल नागरिकता, कैबिनेट प्रणाली, द्विसदनीयता और संसदीय विशेषाधिकार।
- ➡️ संविधान का संरचनात्मक भाग भारत सरकार अधिनियम, 1935 से लिया गया है।
- ➡️ संविधान का राजनीतिक भाग ब्रिटिश संविधान से लिया गया है।
2. दार्शनिक और मौलिक अधिकार (Philosophical & Fundamental Rights)
ये स्रोत नागरिकों के अधिकारों और राज्य के नीति-निर्देशों से संबंधित हैं:
- यू.एस.ए.: मौलिक अधिकार, स्वतंत्र न्यायपालिका, न्यायिक समीक्षा, राष्ट्रपति पर महाभियोग, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को हटाना और उपराष्ट्रपति का पद।
- आयरलैंड: **राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP)**, राष्ट्रपति के चुनाव की विधि और राज्यसभा के सदस्यों का नामांकन।
- जर्मनी का वाइमर संविधान: आपातकाल के दौरान मौलिक अधिकारों का निलंबन।
- सोवियत संघ (USSR): मौलिक कर्तव्य और न्याय का आदर्श (सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक) जिसका उल्लेख प्रस्तावना में है।
3. संघीय, प्रक्रिया और संशोधन (Federalism, Procedure & Amendment)
ये स्रोत केंद्र-राज्य संबंधों और कानूनी प्रक्रियाओं से संबंधित हैं:
- कनाडा: एक मजबूत केंद्र के साथ संघ, केंद्र को अवशिष्ट शक्तियाँ प्रदान करना, केंद्र द्वारा राज्यों के राज्यपालों की नियुक्ति और सुप्रीम कोर्ट का सलाहकार क्षेत्राधिकार।
- ऑस्ट्रेलिया: समवर्ती सूची, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक, व्यापार और वाणिज्य प्रावधान, प्रस्तावना की भाषा।
- दक्षिण अफ्रीका: संविधान संशोधन और राज्यसभा के सदस्यों के निर्वाचन की प्रक्रिया।
- फ्रांस: गणतंत्र और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्श।
- जापान: विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया।
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